इस शहर का विनाश किसने किया एक व्हायरसने या हमने….. इस कहानी को पढिए….

दिखाया आपने सिंगापूर का सपना
शांघाय बनायेंगे यहा हम अपना
चोबीस घंटे चलायेंगे शॉपिंग मॉल
सुख-समृद्धी का बनायेंगे माहोल

मद्य की बहायेंगे हम नदिया
डूबते उसमें परिवार और माया
डान्स बार मे ठुमकती नर्तकिया

सजती अमिरों की सुख और शय्या

नशापानी करके चलती है गाडिया
कुचलती है गरिबो कि जिंदगीया
फिर भी बसती जगह जगह झूग्गिया
नष्ट करके तालाब और नदिया

उखाड देते प्रतिदिन हम पेड
न मानते हम कोई सी आर झेड
आसमान छूती बनती इमारते
पहुचे या ना पहुचे फायर ब्रिगेड

बारिश मे डूबते रास्ते सारे
गिरती इमारते सोते बिना सहारे
रोजगार बिना रहे कैसे बेचारे
दो दिन का खेल फिर वही नारे

आसमान से दिखता सुंदर चेहरा
दिया तले फैला सब अंधेरा
कृत्रिम जलऑक्सिजन कृत्रिम प्रकाश
कृत्रिम जीवन अंतरात्मा का विनाश

निसर्ग का संतुलन हमने खोया
छिपा व्हायरस जब बाहर आया
अहंकार करोडो का आज टूट गया
दिखावे की मिट गई अब दुनिया
अंधे और धंदे का ना रहा फरक
बनाने चले स्वर्ग बन गया नरक

2 प्रतिसाद ते “कोरोना से बेहाल मुंबई”

  1. Rajeev अवतार
    Rajeev

    आज के परिस्थितियों का सही बर्णन आपने किया है।

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  2. Shripad Joshi अवतार
    Shripad Joshi

    सही आईना दिखाया है आपने हम सब को।

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नमस्कार,

 माझ्या ब्लॉगला भेट दिल्याबद्दल धन्यवाद. आपल्या भोवती घडणाऱ्या घटनातून, अनुभवातून आपल्या सर्वांच्या मनात अनेक पडसाद, भावना उमटतात. त्या फक्त शब्दबद्ध करणे हा अल्पसा प्रयत्न आहे.  या प्रवासात आपण सहप्रवासी आहात याचा आनंद आहे. आपण आपली प्रतिक्रिया ब्लॉगवर जरूर नोंदवा.

नवविवाहित दांपत्याच्या स्वप्नांना अलगद उलगडत संसार सजवणारा दहा कवितांचा संग्रह आहे …. सुखचित्र नवे

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