केवल प्रकाश होगा.

सीना पिटकर रोते करते हमे आगाह
मोदी लौटेगा दोबारा तो सर्वनाश होगा
मौत के सौदागर करेंगे देश मे दंगे
डूबेगा कारोबार अर्थनीती में पंगे
भूक प्यास से तडपे घुमेंगे वे नंगे
कटोरा लेकर सबको हाथ फैलाना होगा
हटेगी जब 370 की धारा
विभाजन होगा देश का दोबारा
आतंक को जवाब न दो करारा
कानून इतिहाससे अब खिलवाड होगा
आत्मसन्मान की मांगे कैसी अजीब
डूब जायेगी गंगा जमुना तहजीब
शांती का माहोल हो जाएगा खराब
लौटेगी मनुस्मृति कैसा कैसा अनर्थ होगा
काल्पनिक भयगंड कभी बाते चतुर
अंधेरे में छुपे हिस्त्र जानवर असुर
शांती से सुनो कैसे कंपित इनके स्वर
हटेंगे इनके बादल तब प्रकाश होगा…
केवल प्रकाश होगा…