खेलना है दोस्तो ‌एक ही‌ तो खेल है 

जोर से बोलो नरेंद्र मोदी फेल हे….

समय से पहले आया क्यू बारिश 

मेंढक सोता रहा किसने की शिफारश

गंदे नाले का कीडा बस सोचता रहा

कूडाकचरा मैने फेका नाला तोबहता रहा 

कीडा मेंढक से‌ तब‌ से है पुछता 

सिंधू जलनीती का है कोई रिश्ता 

कभी सुना ब्रह्मोस कभी सुना राफेल है

जोर से बोलो नरेंद्र मोदी फेल है 

हनुमान ने जलाई सारी लंका 

वीरपुत्र का दुनिया मे बजा डंका 

पूछना फिर भी है हमारा अधिकार 

बिना सीतामाता लौटे क्यू किया सीझफायर 

मारीच की पुकार क्यू समझ मे न आई

रावण ने माता सीता कैसी तो चुराई 

सत्ययुग में ऐसी घटना‌ का क्या तालमेल है 

जोर से बोलो नरेंद्र मोदी फेल है

हमारे राज मे रोज केवल धमाके होते 

चुटपुट लडाई बिना हम कुछ नही जानते 

सोच हमारी छोटी आतंकियों के लिए रोते 

शांति हमे प्रिय पडोसियों के साथ गाते 

हमसे दिखता है कोई करता है बेहतर 

जलन होती है मन में दिखता हे अंधकार 

गाली दो बाकी सब‌ तो अलबेल है

बकने की आजादी ना फासी‌ ना जेल है

जोर से बोलो नरेंद्र मोदी फेल ‌है

यावर आपले मत नोंदवा

नमस्कार,

 माझ्या ब्लॉगला भेट दिल्याबद्दल धन्यवाद. आपल्या भोवती घडणाऱ्या घटनातून, अनुभवातून आपल्या सर्वांच्या मनात अनेक पडसाद, भावना उमटतात. त्या फक्त शब्दबद्ध करणे हा अल्पसा प्रयत्न आहे.  या प्रवासात आपण सहप्रवासी आहात याचा आनंद आहे. आपण आपली प्रतिक्रिया ब्लॉगवर जरूर नोंदवा.

नवविवाहित दांपत्याच्या स्वप्नांना अलगद उलगडत संसार सजवणारा दहा कवितांचा संग्रह आहे …. सुखचित्र नवे

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