
मोदी हरता नही, चाहे लगाओ दम जितना है
विकसित भारत एक लक्ष्य यही तो सपना है
सदियों से चले कितने विदेशी आक्रमण
भग्न संस्कृति अवशेष खोया वैभव धन
देखा मातृभूमी के कितने बार विच्छेदन
पीडा है मन की गहन यह अधूरी वेदना है
विकसित भारत एक लक्ष्य यही तो सपना है
मिटानी है हमारे अंदर है जो भी बुराईया
जातपात जंजिरे तोडो हटाओ मन की दुरिया
ना रहे कोई विषमता ना कोई मजबूरिया
समरसता पथ पर आज अविरत चलना है
विकसित भारत एक लक्ष्य यही तो सपना है
मोदीं ना व्यक्ती है ना किसी एक संघटन
स्वार्थ जोडतोड से ना बना कोई गठबंधन
आशा मानवता की मातृभूमी का यह वंदन
यही भारत मां रूप यही राष्ट्र की चेतना है
विकसित भारत एक लक्ष्य वही तो सपना है
यावर आपले मत नोंदवा