
मोहब्बत के दुकान मे नफरत का सामान
टुकडे गॅंग के साथ नाचते बरबादी के अरमान …
शरिया के लिये बदलते है ये कानून
बिना कागज के वक्फ को बांटते जमीन
आतंकी आलगाववादी प्यारे देश के दुश्मन
कहा का न्याययात्रा कहा है संविधान ….
मोहब्बत के दुकान मे नफरत का सामान…….
देश का किया बटवारा रक्तरंजित हिंदुस्तान
पाक बांगला के शरणार्थी छिना उनका आसमान
औरतो के लिए बना रहे तालिबान
मोहब्बत के दुकान मे नफरत का सामान…..
हिंदू हिंसक, हिंदु एकता से परेशान ………
कान खुलकर सुनो दीदी और भैया
देश के प्रति इन का ठीक नही रवैया
दोबारा ना गलती डुबा दो इनकी नैया
हरा तो इस बार बंद हो हमेशा जुबान……
यावर आपले मत नोंदवा