The poem after the URI attacks on Indian soldiers by foreign terrorists…….worshipping Goddess Durga calling for revenge.
भडक उठी अब सीमाएं, दुर्गा पूजन होने दो
दशहरे को दशानन का दहन होने दो ।
छल कपट से सीता का अपहरण न होने दो
विजयपताका श्रीराम की आसमान में फडकने दो ।
कालसर्प यमुना में बसा, विषवमन न होने दो
उस सर्प के सर पर क्रुष्ण का नर्तन होने दो ।
अज्ञातवास की प्रतिज्ञा आज पूर्ण होने दो
वस्त्रहरण की आग बुझाने, शस्त्रपूजन होने दो ।
चाणक्य चंद्रगुप्त की युक्तिशक्ति का संगम होने दो
वीर शिवाजी के हाथों शत्रु का मर्दन होने दो ।
‘मंगल’ के शोले से अमंगल हटने दो
जालियावाला नराधमों पर हावी उधम होने दो ।
पठानकोट हो या उरी, अब सहन न होने दो
सक्षमता का परिचय दिलाने, पुनश्च हवन होने दो ।
यावर आपले मत नोंदवा